51 sorted patriotic songs in Hindi with lyrics
- Aao Baccho Tumhe Dikhaye…
- Ab Tumhare Hawale…
- Apni Azadi Ko Hum…
- Aye Mere Pyaare Watan…
- Aye Mere Vatan Ke Logon…
- Aye Watan Aye Watan…
- Bharat Humko Jaan…
- Bharat Vande Mataram…
- Chak Dey…
- Chale Chalo…
- Chandan Hai Is Desh Ki Maati…
- Chhodo Kal Ki Baatein…
- Des Mere Des Mere…
- Dhuan Dhuan Dhuan…
- Dil Se Niklegi…
- Ekla Chalo Re…
- Ham Kare Rashtra…
- Jaag Utha Hai…
- Jab Zero Diya Mere…
- Jahan Daal Daal Par Sone Ki…
- Janani Janm Bhoomi…
- Jayostute…
- Jis Desh Mein Ganga…
- Jo Samar Mein Ho Gaye…
- Kando Se Milte Hein…
- Kadam Kadam Badhaye…
- Le Chale Ham Rashtra…
- Maa Tujhe Salaam…
- Matru Mandir Ke…
- Mera Joota Hai Japani…
- Mera Rang De Basanti New…
- Mera Rang De Basanti Old…
- Mere Desh Ki Dharti…
- Mrinmayi Ho…
- Nanha Munna Rahi…
- Rashtra Ki Jay Chetna…
- Rindposh Maal…
- Sabarmati Ke Sant…
- Sandese Aate Hai…
- Sarfaroshoi Ki Slow…
- Sarfaroshoi Ki Fast…
- Shora So Pehchaniye…
- Soja Chanda Raja Soja…
- Suno Gaur Se Duniya Walo…
- Taqat Watan Ki Hamse Hai…
- Vande Mataram…
- Vatan Ke Raah Mein…
- Yeh Desh Hai Veer…
- Yeh Kal Kal Chal Chal…
- Yeh Jo Des Hai…
- Ye Dunia Ek Dulhan…
Patriotism in India is not what the others have interpreted. The meaning of patriotism is very unique to this nation and its culture. We have explained that here. Our patriotic songs portray this sentiment in us right from using the instruments to the person singing and to strike the right chord. Let us dig a little deeper into this and understand how music has evolved. How it has catered to the audience. Let us start right from the beginning times of Bollywood when it was still called Hindi Movies.
If you want to pick a song for a school competition, you can visit this page where we have in detail explained how Indian music works and how to pick such a song based on emotions, tune, and beats. Let us quickly list those five songs that we have shown as examples in that article and continue with the rest.
Aao Baccho Tumhe Dikhaye…
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम…
उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है
दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है
जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है
बाट-बाट में हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है
देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की
इस मिट्टी से…
ये है अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे
ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे
बोल रही है कण कण से कुरबानी राजस्थान की
इस मिट्टी से…
देखो मुल्क मराठों का ये यहाँ शिवाजी डोला था
मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था
हर पर्वत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था
बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था
घेर शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से…
जलियाँवाला बाग ये देखो यहीं चली थी गोलियाँ
ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियाँ
एक तरफ़ बंदूकें दन दन, एक तरफ़ थी टोलियाँ
मरनेवाले बोल रहे थे इनक़लाब की बोलियाँ
यहाँ लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की
इस मिट्टी से…
ये देखो बंगाल, यहाँ का हर चप्पा हरियाला है
यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है
ढाला है इसको बिजली ने, भूचालों ने पाला है
मुट्ठी में तूफ़ान बंधा है और प्राण में ज्वाला है
जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की
इस मिट्टी से…
Ab Tumhare Hawale…
कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को ना रुकने दिया
कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन…
ज़िन्दा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज़ आती नहीं
हुस्न और इश्क दोनों को रुसवा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुल्हन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन…
राह कुर्बानियों की ना वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नये काफ़िले
फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है
ज़िन्दगी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से कफ़न साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन…
खेंच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर
इस तरफ आने पाये ना रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छूने पाये ना सीता का दामन कोई
राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन..
Apni Azadi Ko Hum…
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन, सर झुका सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम…
हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है
सैकड़ों कुर्बानियाँ देकर ये दौलत पाई है
मुस्कुराकर खाई है सीनों पे अपने गोलियाँ
कितने वीरानों से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है
ख़ाक में हम अपनी इज़्ज़त को मिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम…
क्या चलेगी ज़ुल्म की अहले वफ़ा के सामने
आ नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने
लाख फ़ौजें ले के आए अम्न का दुश्मन कोई
रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने
हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम…
वक़्त की आवाज़ के हम साथ चलते जाएँगे
हर क़दम पर ज़िन्दगी का रुख बदलते जाएँगे
गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दार-ए-वतन
अपनी ताकत से हम उसका सर कुचलते जाएँगे
एक धोखा खा चुके हैं, और खा सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम…
(वन्दे मातरम)
हम वतन के नौजवाँ हैं, हमसे जो टकराएगा
वो हमारी ठोकरों से ख़ाक में मिल जाएगा
वक़्त के तूफ़ान में बह जाएँगे ज़ुल्मों-सितम
आसमाँ पर ये तिरंगा उम्र भर लहराएगा
जो सबक बापू ने सिखलाया, भुला सकते नहीं
सर कटा सकते…
Aye Mere Pyaare Watan…
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल क़ुरबान
तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान
तेरे दामन से जो आए, उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस ज़ुबाँ को, जिसपे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी, सबसे रंगीं तेरी शाम
तुझपे दिल…
माँ का दिल बन के कभी, सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं सी बेटी, बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको, उतना तड़पाता है तू
तुझपे दिल…
छोड़ कर तेरी ज़मीं को, दूर आ पहुँचे हैं हम
फिर भी है ये ही तमन्ना, तेरे ज़र्रों की क़सम
हम जहाँ पैदा हुए, उस जगह ही निकले दम
तुझपे दिल…
Aye Mere Vatan Ke Logon…
ऐ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सबका, लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर, वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो, कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर न आये, जो लौट के घर न आये
ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी
जब घायल हुआ हिमालय, ख़तरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो, फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा, सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी…
जब देश में थी दीवाली, वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने, थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी…
कोई सिख, कोई जाट-मराठा, कोई गुरखा, कोई मद्रासी
सरहद पर मरने वाला, हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर, वो खून था हिन्दुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी…
थी खून से लथपथ काया, फिर भी बंदुक उठा के
दस-दस को एक ने मारा, फिर गिर गये होश गँवा के
जब अंत समय आया तो, कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों, अब हम तो सफ़र करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने, क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी…
तुम भूल ना जाओ उनको, इसलिए कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी
जय हिंद, जय हिंद की सेना
जय हिंद, जय हिंद की सेना
Aye Watan Aye Watan…
जलते भी गए,
कहते भी गए,
आज़ादी के परवाने,
जीना तो उसी का जीना है
जो मारना वतन पे जाने
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी कसम
तेरी राहो में जान तक लूटा जायेंगे
फूल क्या चीज़ है
तेरे कदमो में हम भेंट अपने सरो की चढ़ा जायेंगे
कोई पंजाब से, कोई महाराष्ट्र से
कोई UP से है, कोई बंगाल से
तेरी पूजा की थाली में लाए हैं हम
फूल हर रंग के आज हर डाल से
नाम कुछ भी सही, पर लगन एक है
ज्योत से ज्योत दिल की जगा जायेंगे
तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र,
उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम
तेरी धरती पे है जो कदम गैर का,
उस कदम का निशा तक मिटा देंगे हम
जो भी दीवार आएगी अब सामने,
ठोकरों से उसे हम गिरा जाएंगे
सेह चुके है सितम हम बोहोत गैर के
अब करेंगे हर एक वार का सामना
झुक सकेगा ना अब सरफरोशो का सर
चाहे हो खुनी तलवार का सामना
सर पे बांधे कफ़न हम तो हसते हुए
मौत को भी गले से लगा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन
Bharat Humko Jaan…
भारत हमको जान से प्यारा है
सबसे न्यारा गुलिस्ताँ हमारा है
सदियों से भारत भूमि दुनिया की शान है
भारत माँ की रक्षा में जीवन कुर्बान है
उजड़े नहीं अपना चमन, टूटे नहीं अपना वतन
गुमराह ना कर दे कोई, बरबाद ना कर दे कोई
मंदिर यहाँ, मस्जिद वहाँ, हिन्दू यहाँ, मुस्लिम यहाँ
मिलते रहें हम प्यार से, जागो
हिन्दुस्तानी नाम हमारा है, सबसे प्यारा देश हमारा है
जन्मभूमि है हमारी शान से कहेंगे हम
सभी ही तो भाई-भाई प्यार से रहेंगे हम
हिन्दुस्तानी नाम हमारा है
आसाम से गुजरात तक, बंगाल से महाराष्ट्र तक
जाति कई, धुन एक है, भाषा कई, सुर एक है
कश्मीर से मद्रास तक, कह दो सभी हम एक हैं
आवाज़ दो हम एक हैं, जागो
Bharat Vande Mataram…
वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् वन्दे मातरम्
भारत वन्दे मातरम् जय भारत वन्दे मातरम्
रुक ना पाये तूफानो मे सबके आगे बढे कदम
जीवन पुष्प चढाने निकले माता के चरणोमे हम ॥धृ॥
मस्तक पर हिमराज विराजित उन्नत माथा माता का
चरण धो रहा विशाल सागर देश यही सुन्दरता का
हरियाली साडी पहने मा गीत तुम्हारे गाए हम ॥१॥
नदियन की पावन धारा है मंगल माला गंगा की
कमर बन्ध है विंध्याद्रि की सातपुरा की श्रेनी की
सह्याद्रि का वज्रहस्त है पौरुष को पहचाने हम ॥२॥
नही किसी के सामने हमने अपना शीश झुकाया है
जो हम से टकराने आया काल उसी का आया है
तेरा वैभव सदा रहे मा विजय ध्वजा फहराये हम ॥३॥
Chak Dey…
कुछ करिए, कुछ करिए
नस नस मेरी खोले, हाय कुछ करिए
कुछ करिए, कुछ करिए
बस बस बड़ा बोले, अब कुछ करिए
हो कोई तो चल ज़िद्द फड़िए, तू बिदरिये या मरिये
चक दे हो चक दे इंडिया
चक दे हो चक दे इंडिया
कुचों में गलियों में, राशन की फलियों में
बैलों में बीजों में, ईदों में तीजों में
रेतों के दानों में, फिल्मों के गानों में
सड़को के गड्ढों में, बातों के अड्डों में
हुंकारा आज भर ले, दस बारह बार कर ले
रहना ना यार पीछे, कितना भी कोई खींचे
टस है ना मस है जी, ज़िद है तो ज़िद है जी
किसना यूँ ही, पिसना यूँ ही, पिसना यूँ ही
बस करिए
कोई तो चल ज़िद्द फड़िए…
चक दे हो चक दे इंडिया…
लड़ती पतंगों में, भिड़ती उमँगों में
खेलों के मेलों में, बलखाती रेलों में
गन्नों के मीठे में, खद्दर में, झींटें में
ढूँढो तो मिल जावे, पत्ता वो ईंटों में
रंग ऐसा आज निखरे, और खुलके आज बिखरे
मन जाए ऐसी होली, रग-रग में दिल के बोली
टस है ना मस है जी, ज़िद है तो ज़िद है जी
किसना यूँ ही, पिसना यूँ ही, पिसना यूँ ही
बस करिए
कोई तो चल ज़िद्द फड़िए…
चक दे हो चक दे इंडिया…
Chale Chalo…
बार बार हाँ, बोलो यार हाँ
अपनी जीत हो, उनकी हार हाँ
कोई हमसे जीत ना पावे
चले चलो, चले चलो
मिट जावे जो टकरावे,
चले चलो
भले घोर अंधेरा छावे
चले चलो, चले चलो
कोई राह में ना थाम जावे,
चले चलो
टूट गयी जो, उंगली उट्ठी
पाँचों मिली तो, बन गये मुट्ठी
एका बढ़ता ही जावे
चले चलो, चले चलो
कोई कितना भी बहकावे,
चले चलो
कोई हमसे जीत ना पावे
चले चलो, चले चलो
मिट जावे जो टकरावे,
चले चलो
कोई ना अब रोके तुझे, टोके तुझे
तोड़ दे बंधन सारे
मिला है क्या होके तुझे निर्बल, तू ही बता
कभी ना दुख झेलेंगे, खेलेंगे
ऐसे के दुसमन हारे
के अब तो ले लेंगे, हिम्मत का रस्ता
धरती हिला देंगे, सबको दिखा देंगे
राजा है क्या, परजा है क्या,
हम जाग पे छाएंगे, अब ये बताएँगे
हम लोगों का दर्जा है क्या,
बार बार हाँ…
अब डर नहीं मन में आवे
चले चलो, चले चलो
हर बेदी अब खुल जावे, चले चलो
चला ही चल, हाँफ नहीं, काँप नहीं
राह में अब तो राही
थकन का साँप नहीं अब तुझे डसने पाए
वही जो तेरा हाक़िम है, जालिम है
की है जिसने तबाही
घर उसका पच्छिम है, यहाँ ना बसने पाए
धरती हिला देंगे, सबको दिखा देंगे
राजा है क्या…
जो होना है हो जावे
चले चलो, चले चलो
अब सर ना कोई झुकावे, चले चलो
कोई हमसे जीत…
Chandan Hai Is Desh Ki Maati…
चंदन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है
हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है || ध्रु ||
हर शरीर मंदिर सा पावन हर मानव उपकारी है
जहॉं सिंह बन गये खिलौने गाय जहॉं मॉं प्यारी है
जहॉं सवेरा शंख बजाता लोरी गाती शाम है || 1 ||
जहॉं कर्म से भाग्य बदलता श्रम निष्ठा कल्याणी है
त्याग और तप की गाथाऍं गाती कवि की वाणी है
ज्ञान जहॉं का गंगाजल सा निर्मल है अविराम है || 2 ||
जिस के सैनिक समरभूमि मे गाया करते गीता है
जहॉं खेत मे हल के नीचे खेला करती सीता है
जीवन का आदर्श जहॉं पर परमेश्वर का धाम है || 3 ||
Chhodo Kal Ki Baatein…
छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी
आज पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं
क्या देखें उस मंज़िल को जो छोड़ चुके हैं
चांद के दर पर जा पहुँचा है आज ज़माना
नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं
नया खून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी…
हमको कितने ताजमहल हैं और बनाने
कितने हैं अजंता हमको और सजाने
अभी पलटना है रुख कितने दरियाओं का
कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने
नया खून है…
आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएँ
अपने हाथों से अपना भगवान बनाएँ
राम की इस धरती को, गौतम की भूमि को
सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ
नया खून है…
दाग गुलामी का धोया है जान लुटा के
दीप जलाए हैं ये कितने दीप बुझा के
ली है आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को
रखना होगा हर दुश्मन से आज बचा के
नया खून है…
हर ज़र्रा है मोती आँख उठाकर देखो
मिट्टी में सोना है हाथ बढ़ाकर देखो
सोने की ये गंगा है, चांदी की जमुना
चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो
नया खून है…
Des Mere Des Mere…
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू
मिटाने से नही मिटते, डराने से नही डरते
वतन के नाम पे
वतन के नाम पे हम सर कटाने से नही डरते
मिटाने से नही मिटते
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू
हजारो ख्वाब रोशन है, सुलगती सी निगाहो मे
सुलगती सी निगाहो मे
कफन हम बांध के निकले है आजादी की राहो मे
कफन हम बांध के निकले है आजादी की राहो मे
निशाने पे जो रेहेते है, निशाने से नही डरते
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू
हमारी एक मंजिल है, हमारा एक नारा है
धरम से जात से ज्यादा, हमे ये मुल्क प्यारा है
धरम से जात से ज्यादा, हमे ये मुल्क प्यारा है
हम इस पे जिंदगी अपनी, लुटाने से नही डरते
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू
मिटाने से नही मिटते, डराने से नही डरते
वतन के नाम पे
वतन के नाम पे हम सर कटाने से नही डरते
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू
Dhuan Dhuan Dhuan…
धुआं धुआं धुआं धुआं
धुआं धुआं धुआं ही धुआं
धुआं धुआं धुआं धुआं
धुआं धुआं धुआं ही धुआं
ये साजिशें दिशाओं की
ये साजिशें हवाओं की
लहुलुहान हो गयी ज़मीं ये देवताओं की
ना शंख की सदाए है
ना अब सदा अजान की
नज़र मेरी ज़मीं को लगी है आसमान की
है दर-बदर ये लोग क्यूँ
जले है क्यूँ मकान
धुआं धुआं धुआं धुआं
धुआं धुआं धुआं ही धुआं
ये किसने आग डाल दी है नर्म नर्म घास पर
लिखा हुवा है ज़िन्दगी यहाँ हर एक लाश पर
ये तख़्त की लड़ाई है, ये कुर्सियों की जुंग है
ये बेगुनाह खून भी सियासतों का रंग है
लकीर खिंच दी गयी दिलों के दरमियान
धुआं धुआं धुआं धुआं
धुआं धुआं धुआं ही धुआं
धुआं धुआं धुआं धुआं
धुआं धुआं धुआं ही धुआं
Dil Se Niklegi…
दिल से निकलेगी ना मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुश्बू-ए-वतन आयेगी
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू -२
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू -२
सुनाई थी जो बचपन में वो ही लोरी सुना दे माँ
तू अपनी गोद में अब चैन से मुझ को सुला दे माँ
तेरे चरणों में सब कुछ हम लुटाने से नहीं डरते
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू -२
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू -२
मिटाने से नहीं मिटते डराने से नहीं डरते
वतन के नाम पे हम सर कटाने से नहीं डरते
हज़ारों ख़्वाब रोशन हैं सुलगती सी निगाहों में
क़फ़न हम बाँध के निकले हैं आज़ादी की राहों में
निशाने पे जो रहते हैं निशाने से नहीं डरते
हमारी एक मन्ज़िल है हमारा एक नारा है
धरम से जात से ज्यादा हमें ये मुल्क़ प्यारा है
हम इस पे ज़िन्दगी अपनी लुटाने से नहीं डरते
क़सम तुम को वतन वालों कभी मायूस मत होना
मनाना जश्न-ए-आज़ादी न मेरे वास्ते रोना
निगाहें मौत से भी हम मिलाने से नहीं डरते
Ekla Chalo Re…
जोदी केउ कोथा ना कोये
ओरे ओरे ओ अभागा
केउ कोथा ना कोये
जोदी शोबाई थाके मुख फिराये
शोबाई कोरे भोए
तोबे पोरान खुले, तोबे पोरान खुले
ओ तुई मुख फूटे तोर मोनेर कोथा
ऐकला बौलो रे
जोदी तोरो डाक शुने…
जब काली घटा छाए
ओरे ओरे ओ अँधेरा
सच को निगल जाए
जब दुनिया सारी डर के आगे
सर अपना झुकाए
तू शोला बन जा, वो शोला बन जा
जो खुद जल के जहां रोशन कर दे
ऐकला जौलो रे
जोदी तोर डाक शुने…
Ham Kare Rashtra…
हम करें राष्ट आराधना
तन से मन से धन से
तन मन धन जीवनसे
हम करें राष्ट आराधना………………।।…धृ
अन्तर से मुख से कृती से
निश्र्चल हो निर्मल मति से
श्रध्धा से मस्तक नत से
हम करें राष्ट अभिवादन…………………। १
अपने हंसते शैशव से
अपने खिलते यौवन से
प्रौढता पूर्ण जीवन से
हम करें राष्ट का अर्चन……………………।२
अपने अतीत को पढकर
अपना ईतिहास उलटकर
अपना भवितव्य समझकर
हम करें राष्ट का चिंतन…।………………।३
है याद हमें युग युग की जलती अनेक घटनायें
जो मां के सेवा पथ पर आई बनकर विपदायें
हमने अभिषेक किया था जननी का अरिशोणित से
हमने शृंगार किया था माता का अरिमुंडो से
हमने ही ऊसे दिया था सांस्कृतिक उच्च सिंहासन
मां जिस पर बैठी सुख से करती थी जग का शासन
अब काल चक्र की गति से वह टूट गया सिंहासन
अपना तन मन धन देकर हम करें पुन: संस्थापन………………।४
Jaag Utha Hai…
जाग उठा है आज देश का वह सोया अभिमान।
प्राची की चंचल किरणों पर आया स्वर्ण विहान॥ जाग उठा…
स्वर्ण प्रभात खिला घर-घर में जागे सोये वीर
युध्दस्थल में सज्जित होकर बढ़े आज रणधीर
आज पुनः स्वीकार किया है असुरों का आह्वान॥ जाग उठा…
सहकर अत्याचार युगों से स्वाभिमान फिर जागा
दूर हुआ अज्ञान पार्थ का धनुष-बाण फिर जागा
पांचजन्य ने आज सुनाया संसृति को जयगान॥जाग उठा…
जाग उठी है वानर-सेना जाग उठा वनवासी
चला उदधि को आज बाँधने ईश्वर का विश्वासी
दानव की लंका में फिर से होता है अभियान॥।जाग उठा…
खुला शम्भु का नेत्र आज फिर वह प्रलयंकर जागा
तांडव की वह लपटें जागी वह शिवशंकर जागा
तालताल पर होता जाता पापों का अवसान॥जाग उठा…
ऊपर हिम से ढकी खड़ी हैं वे पर्वत मालाएँ
सुलग रही हैं भीतर-भीतर प्रलयंकर ज्वालाएँ
उन लपटों में दीख रहा है भारत का उत्थान॥।जाग उठा…
Jab Zero Diya Mere…
Jahan Daal Daal Par Sone Ki…
जहाँ डाल-डाल पर सोने की
चिड़िया करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा
जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म
का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा
(जय भारती)
ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि
जपते प्रभु नाम की माला (हरी ॐ)
जहाँ हर बालक इक मोहन है
और राधा इक-इक बाला
जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर
डाले अपना डेरा
वो भारत देश है मेरा…
जहाँ गंगा, जमुना, कृष्ण और
कावेरी बहती जाए
जहाँ उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम
को अमृत पिलवाये
ये अमृत पिलवाये
कहीं ये फल और फूल उगाये
केसर कहीं बिखेरा
वो भारत देश है मेरा…
अलबेलों की इस धरती के
त्यौहार भी हैं अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है
होली के कहीं मेले
जहाँ राग-रंग और हँसी-खुशी
का चारों ओर है घेरा
वो भारत देश है मेरा…
जहाँ आसमान से बातें करते
मंदिर और शिवाले
किसी नगर में किसी द्वार पर
कोई न ताला डाले
और प्रेम की बंसी जहाँ बजाता
आये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा…
Janani Janm Bhoomi…
जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है
जिसके वास्ते ये तन है मन है और प्राण है ॥धृ॥
ईसके कण कण में लिखा रामकृष्ण नाम है
हुतात्माओंके रुधिरसे भूमि सष्य श्याम है
धर्म का ये धाम है सदा ईसे प्रणाम है
स्वतंत्र है यह धरा स्वतंत्र आसमान है ॥१॥
ईसकी आन पर अगर जो बात कोई आ पडे
ईसके सामने जो जुल्म के पहाड हो खडे
शत्रु सब जहान हो विरुद्ध आसमान हो
मुकाबला करेंगे जब तक जान मे ये जान है ॥२॥
ईसकी गोद मे हजारो गंगा यमुना झूमती
ईसके पर्वतोंकी चोटियाँ गगन को चूमती
भूमि यह महान है निराली ईसकी शान है
ईसकी जयपताक पर लिखा विजय निशान है ॥३॥
Jayostute…
जयोऽस्तु ते
जयोऽस्तु ते! जयोऽस्तु ते!
श्री महन्मंगले शिवास्पदे शुभदे
स्वतंत्रते भगवती त्वामहम् यशोयुतां वंदे!
राष्ट्राचें चैतन्य मूर्त तूं नीती संपदांची
स्वतन्त्रते भगवती श्रीमती राज्ञी तूं त्यांची
परवशतेच्या नभांत तूंचि आकाशीं होशी
स्वतन्त्रते भगवती चांदणी चमचम-लखलखशी
गालावरच्या कुसुमीं किंवा कुसुमांच्या गालीं
स्वतन्त्रते भगवती तूंच जी विलसतसे लाली
तुं सूर्याचें तेज उदधिचें गांभीर्यहिं तूंचि
स्वतन्त्रते भगवती अन्यथा ग्रहणनष्टतेची
मोक्ष-मुक्ति हीं तुझींच रूपें तुलाच वेदांतीं
स्वतन्त्रते भगवती योगिजन परब्रह्म वदती
जें जें उत्तम उदात्त उन्नत महन्मधुर तें तें
स्वतन्त्रते भगवती सर्व तव सहकारी होती
हे अधमरक्तरञ्जिते सुजनपूजिते श्री स्वतन्त्रते
तुजसाठि मरण तें जनन
तुजवीण जनन तें मरण
तुज सकल-चराचर-शरण चराचर-शरण
Jis Desh Mein Ganga…
भाभी कंगन खनकाती है
और माँ लोरियाँ गाती है
मद्धम-मद्धम सी पवन चले
कोयलिया गीत सुनाती है
बच्चा वहाँ आज भी चाँद को
चंदामामा कहता है
जिस देश में गंगा रहता है
जिस देश में गंगा रहता है
भाभी कंगन खनकाती…
गाँव का पनघट, पनघट का पानी
भरे गगरिया कोई दीवानी
ठंडी-ठंडी पुरवाई में मीठी-मीठी खुशबू
मत पूछो उस खुशबू में होता है कैसा जादू
जादू ऐसा होता है के हर कोई झूमता रहता है
जिस देश में गंगा रहता है
भाभी कंगन खनकाती…
दिल में बसा कर गाँव की ममता
शहर में आया मैं जोगी रमता
सुख-दुःख सारे मान कर और उनको अपना कर
तरह-तरह के नातों से घर बन जाता है सुन्दर
पल-पल सच्चे रिश्तों का वहाँ प्यार बरसता रहता है
जिस देश में गंगा रहता है
भाभी कंगन खनकाती…
Jo Samar Mein Ho Gaye…
जो समर में हो गए अमर
मैं उनकी याद में
गा रही हूँ आज श्रद्धा गीत
धन्यवाद में
जो समर में हो गए अमर
मैं उनकी याद में
गा रही हूँ आज श्रद्धा गीत
धन्यवाद में
जो समर में हो गए अमर …
लौट कर न आएंगे
विजय दिलाने वाले वीर
मेरे गीत अंजली में
उनके लिए नयन-नीर
लौट कर न आएंगे
विजय दिलाने वाले वीर
मेरे गीत अंजली में
उनके लिए नयन-नीर
संग फूल-पान के
रँग हैं निशान के
शूर वीर आन के
जो समर में हो गए अमर
मैं उनकी याद में
गा रही हूँ आज श्रद्धा गीत
धन्यवाद में
जो समर में हो गए अमर …
विजय के फूल खिल रहे हैं
फूल अध-खिले झरे
उनके खून से हमारे
खेत बाग बन हरे
विजय के फूल खिल रहे हैं
फूल अध-खिले झरे
उनके खून से हमारे
खेत बाग बन हरे
ध्रुव हैं क्राँति-गान के
सूर्य नव-विहान के
शूर वीर आन के
जो समर में हो गए अमर
मैं उनकी याद में
गा रही हूँ आज श्रद्धा गीत
धन्यवाद में
जो समर में हो गए अमर …
वो गए कि रह सके
स्वतंत्रता स्वदेश की
विश्व भर में मान्यता हो
मुक्ति के संदेश की
वो गए कि रह सके
स्वतंत्रता स्वदेश की
विश्व भर में मान्यता हो
मुक्ति के संदेश की
प्राण देश-प्राण के
मूर्ति स्वाभिमान के
शूर वीर आन के
जो समर में हो गए अमर
मैं उनकी याद में
गा रही हूँ आज श्रद्धा गीत
धन्यवाद में
जो समर में हो गए अमर
मैं उनकी याद में
गा रही हूँ आज श्रद्धा गीत
धन्यवाद में
जो समर में हो गए अमर …
Kando Se Milte Hein…
कन्धों से मिलते हैं कन्धे, क़दमों से क़दम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं
अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना
अब तो हमें साथी है बस इतना ही कहना
अब जो भी हो शोला बन के पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो बादल बन के परबत पर है छाना
निकले हैं मैदां में हम जाँ हथेली पर लेकर
अब देखो दम लेंगे हम जा के अपनी मंज़िल पर
खतरों से हँस के खेलना, इतनी तो हममें हिम्मत है
मोड़े कलाई मौत की, इतनी तो हममें ताक़त है
हम सरहदों के वास्ते लोहे की इक दीवार हैं
हम दुश्मनों के वास्ते होशियार हैं, तैयार हैं
अब जो भी हो…
जोश दिल में जगाते चलो, जीत के गीत गाते चलो
जीत की जो तस्वीर बनाने हम निकले हैं अपनी लहू से
हमको उसमें रंग भरना है
साथी मैंने अपने दिल में अब ये ठान लिया है
या तो अब करना है, या तो अब मरना है
चाहे अंगारें बरसे कि बिजली गिरे
तू अकेला नहीं होगा यारा मेरे
कोई मुश्किल हो या हो कोई मोर्चा
साथ हर मोड़ पर होंगे साथी तेरे
अब जो भी हो…
इक चेहरा अक्सर मुझे याद आता है
इस दिल को चुपके-चुपके वो तड़पाता है
जब घर से कोई भी ख़त आया है
कागज़ को मैंने भीगा-भीगा पाया है
पलकों पे यादों के कुछ दीप जैसे जलते हैं
कुछ सपने ऐसे हैं, जो साथ-साथ चलते हैं
कोई सपना न टूटे, कोई वादा न टूटे
तुम चाहो जिसे दिल से वो तुमसे ना रूठे
अब जो भी हो…
चलता है जो ये कारवाँ, गूंजी सी है ये वादियाँ
है ये ज़मीं, ये आसमां
है ये हवा, है ये समां
हर रस्ते ने, हर वादी ने, हर परबत ने, सदा दी
हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हर बाज़ी
कन्धों से मिलते…
चलता है जो ये कारवाँ, गूंजी सी है, ये वादियाँ
Kadam Kadam Badhaye…
कदम-कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा
ये ज़िन्दगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा
तू शेर-ए-हिन्द आगे बढ़, मरने से तू कभी ना डर
उड़ा के दुश्मनों का सर, जोश-ए-वतन बढ़ाये जा
कदम-कदम बढ़ाये जा…
तेरी हिम्मत बढ़ती रहे, खुदा तेरी सुनता रहे
जो सामने तेरे अड़े, तो ख़ाक में मिलाये जा
कदम-कदम बढ़ाये जा…
चलो दिल्ली पुकार के, गम-ए-निशां सम्भाल के
लाल किले पे गाड़ के, लहराये जा, लहराये जा
कदम-कदम बढ़ाये जा…
Le Chale Ham Rashtra…
ले चले हम राष्ट्र नौका को भंवर से पार कर
केसरी बाना सजायें वीर का श्रृंगार कर ॥
डर नही तूफ़ान बादल का अँधेरी रात का
डर नही है धूर्त दुनिया के कपट के घात का
नयन में ध्रुव ध्येय के अनुरूप ही दृढ़ भाव भर ॥
है भरा मन में तपस्वी मुनिवरों का त्याग है
और हृदयों में हमारे वीरता की आग है
हाथ है उद्योग में रत राष्ट्र सेवा धार कर ॥
सिन्धु से आसाम तक योगी शिला से मानसर
गूंजते हैं विश्व जननी प्रार्थना के उच्च स्वर
सुप्त भावों को जगा उत्साह का संचार कर ॥
स्वार्थ का लवलेश सत्ता की हमें चिंता नही
प्रान्त भाषा वर्ग का कटु भेद भी छूता नही
एक हैं हम एक आशा योजना साकार कर ॥
शपथ लेकर पूर्वजों की आशा हम पूरी करें
मस्त हो कर कार्य रत हो ध्येयमय जीवन धरें
दे रहे युग की चुनौती आज हम ललकार कर ॥
Maa Tujhe Salaam…
यहाँ-वहाँ सारा जहां देख लिया है
कहीं भी तेरे जैसा कोई नहीं है
अस्सी नहीं, सौ दिन दुनिया घूमा है
नहीं कहीं तेरे जैसा कोई नहीं
मैं गया जहाँ भी
बस तेरी याद थी
जो मेरे साथ थी
मुझको तड़पाती, रुलाती
सबसे प्यारी तेरी सूरत
प्यार है बस तेरा, प्यार ही
माँ तुझे सलाम
वन्दे मातरम
जहाँ देखूँ वहाँ मैं, तेरा हूँ दीवाना मैं
झूमूँ, नाचूँ, गाऊँ तेरे प्यार का तराना मैं
चंदा नहीं, सूरज नहीं, दुनिया की दौलत नहीं
बस लूटूँगा तेरे प्यार का खज़ाना
इक नज़र जब तेरी, होती है प्यार की
दुनिया तब तो मेरी चमके-दमके-महके रे
तेरा चेहरा सूरज जैसा, चाँद सी ठण्ड है प्यार में
वन्दे मातरम
तेरे पास ही मैं आ रहा हूँ
अपनी बाहें खोल दे
ज़ोर से मुझको गले लगा ले
मुझको फिर वो प्यार दे
तू ही ज़िन्दगी है
तू ही मेरी मोहब्बत है
तेरे ही पैरों में जन्नत है
तू ही दिल, तू जां, अम्मा
माँ तुझे सलाम
Matru Mandir Ke…
मातृ मन्दिर के पुजारी वन्दना किस विधि करें।
ध्येय प्रतिमा को ह्नदय में आज हम किस विधि धरें॥
धवल हिमालय भाल तेरा साधना का है बसेरा
मौन हो निज को गलाकर भूमि पर अमृत बिखेरा
बन ब्रह्मपुत्र और सिन्धु गंगा नर्मदा कावेरी माँ
वन्दना किस वधि करें॥
शस्य श्यामल वक्ष तेरा मौन सेवा का बसेरा
वत्सले तूने युगों से अन्न निज़ घर -घर बिखरा
लक्ष्मी रुपे अन्नपूर्णा अम्बिके तू प्यारी माँ॥
वन्दना किस विधि करें॥
सिंधु तेरे चरण छूकर कर रहा यशनाद तेरा
ऋषिजनों ने ज्ञान -रवि से धर्म किरणों को बिखेरा
ज्ञान की मन्दाकिनी तू शारदा का रुप माँ॥
वन्दना किस विधि करें
निशा बीती भोर आया मिट चले भ्रम के सितारे
श्क्ति का नव रुप लखकर दिशि दिशों के असुर काँपे
महाकाले शक्ति दुर्गे असुरमर्दिनी चण्डी माँ॥
वन्दना किस विधि करें।
श्वास तेरे तुझे अर्पित तन समर्पित मन समर्पित
चेतना ले दिव्य तेरी कोटि पग बढ़ चले पथ पर
ध्येय का साक्षात करने दिग्विजय कर तेरी माँ।
वन्दना किस विधि करें।
Mera Joota Hai Japani…
मेरा जूता है जापानी ये पतलून इंगलिश्तानी
सर पे लाल टोपी रूसी फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
निकल पड़े हैं खुल्ली सड़क पर अपना सीना ताने
मंजिल कहाँ, कहाँ रुकना है,उपरवाला जाने
बढ़ते जाए हम सैलानी, जैसे एक दरिया तूफानी
सर पे लाल टोपी रूसी
ऊपर-नीचे नीचे-ऊपर लहर चले जीवन की
नादान है जो बैठ किनारे, पूछे राह वतन की
चलना जीवन की कहानी, रुकना मौत की निशानी
होंगे राजे राजकुंवर हम बिगडे दिल शहज़ादे
हम सिंघासन पर जा बैठें जब जब करें इरादे
सूरत है जानी पहचानी दुनिया वालों को हैरानी
Mera Rang De Basanti New…
मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला…
निकले हैं वीर जिया ले, यूँ अपना सीना ताने
हँस-हँस के जान लुटाने, आज़ाद सवेरा लाने
मर के कैसे जीते हैं, इस दुनिया को बतलाने
तेरे लाल चलें हैं माये, अब तेरी लाज बचाने
आज़ादी का शोला बन के खून रगों में डोला
मेरा रंग दे बसंती…
दिन आज तो बड़ा सुहाना, मौसम भी बड़ा सुनहरा
हम सर पे बाँध के आये, बलिदानों का ये सेहरा
बेताब हमारे दिल में, इक मस्ती सी छायी है
ऐ देश अलविदा तुझको, कहने की घड़ी आई है
महकेंगे तेरी फिज़ा में, हम बन के हवा का झोंका
किस्मत वालों को मिलता, ऐसे मरने का मौका
निकली है बरात सजा है इंक़लाब का डोला
मेरा रंग दे बसंती…
Mera Rang De Basanti Old…
मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला ओये, रंग दे बसंती चोला
माये रंग दे बसंती चोला
दम निकले इस देश की खातिर, बस इतना अरमान है
एक बार इस राह में मरना, सौ जन्मों के समान है
देख के वीरों की क़ुरबानी, अपना दिल भी बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला…
जिस चोले को पहन शिवाजी, खेले अपनी जान पे
जिसे पहन झाँसी की रानी, मिट गई अपनी आन पे
आज उसी को पहन के निकला, पहन के निकला
आज उसी को पहन के निकला, हम मस्तों का टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला…
Mere Desh Ki Dharti…
मेरे देश की धरती
सोना उगले
उगले हीरे मोती
बैलों के गले में जब घुँघरू
जीवन का राग सुनाते हैं
गम कोसों दूर हो जाता है
खुशियों के कँवल मुसकाते हैं
सुन के रहट की आवाज़ें
यूँ लगे कहीं शहनाई बजे
आते ही मस्त बहारों के
दुल्हन की तरह हर खेत सजे
मेरे देश की धरती…
जब चलते हैं इस धरती पे हल
ममता अंगड़ाईयाँ लेती हैं
क्यों ना पूजें इस माटी को
जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जनम लिया
उसने ही पाया प्यार तेरा
यहाँ अपना पराया कोई नहीं
है सब पे माँ, उपकार तेरा
मेरे देश की धरती…
ये बाग़ है गौतम नानक का
खिलते हैं अमन के फूल यहाँ
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक
ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ
रंग हरा हरी सिंह नलवे से
रंग लाल है लाल बहादूर से
रंग बना बसन्ती भगत सिंह
रंग अमन का वीर जवाहर से
मेरे देश की धरती…
Mrinmayi Ho…
मृण्मयी हो तुम पुरातन
सुयश विमल पावन माँ ॥प॥
मृत्तिका तुम वीर प्रसवा, स्वर्णमयी तुम स्वर्ग प्रसवा
तुम अचेतन हो परन्तु, चैतन्य तुमसे प्राण लेता ॥१॥
विघ्नमाला आज आयी, दौडकर तुम्को हराने
शक्ति ती तुम मूर्ति बनकर, पहन लो चिर विजयमाला ॥२॥
भयद है माँ आज मण्डल, भय कम्पित बन सृजन मन
कीर्ति का सौरभ तुम्हारे, प्रेरणा दे और् सहारा ॥३॥
Nanha Munna Rahi…
नन्हां मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद
रस्ते में चलूँगा न डर-डर के
चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के
मंज़िल से पहले ना लूँगा कहीं दम
आगे ही आगे बढ़ाऊँगा कदम
दाहिने-बाएँ, दाहिने-बाएँ, थम
नन्हां मुन्ना…
धूप में पसीना बहाऊँगा जहाँ
हरे-हरे खेत लहराएँगे वहाँ
धरती पे फ़ाके न पाएँगे जनम
आगे ही आगे…
नया है ज़माना मेरी नई है डगर
देश को बनाऊँगा मशीनों का नगर
भारत किसी से रहेगा नहीं कम
आगे ही आगे…
बड़ा हो के देश का सहारा बनूँगा
दुनिया की आँखों का तारा बनूँगा
रखूँगा ऊँचा तिरंगा परचम
आगे ही आगे…
शांति की नगरी है मेरा ये वतन
सबको सिखाऊँगा मैं प्यार का चलन
दुनिया में गिरने न दूँगा कहीं बम
आगे ही आगे…
Rashtra Ki Jay Chetna…
राष्ट्र की जय चेतना का गान वंदे मातरम्
राष्ट्रभक्ति प्रेरणा का गान वंदे मातरम्
बंसी के बहते स्वरोंका प्राण वंदे मातरम्
झल्लरि झनकार झनके नाद वंदे मातरम्
शंख के संघोष का संदेश वंदे मातरम् ॥१॥
सृष्टी बीज मंत्र का है मर्म वंदे मातरम्
राम के वनवास का है काव्य वंदे मातरम्
दिव्य गीता ज्ञान का संगीत वंदे मातरम् ॥२॥
हल्दिघाटी के कणोमे व्याप्त वंदे मातरम्
दिव्य जौहर ज्वाल का है तेज वंदे मातरम्
वीरोंके बलिदान का हूंकार वंदे मातरम् ॥३॥
जनजन के हर कंठ का हो गान वंदे मातरम्
अरिदल थरथर कांपे सुनकर नाद वंदे मातरम्
वीर पुत्रोकी अमर ललकार वंदे मातरम् ॥४॥
Rindposh Maal…
फिर ज़र्रा-ज़र्रा महकेगा, खुश्बू के मौसम आएँगे
फिर चिनार की शाखों पे, पंछी घर बनाएँगे
इन राहों से जाने वाले, फिर लौट के वापस आएँगे
फिर जन्नत की गलियों में, सब लोग ये नगमा गाएँगे
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो
रिंद पोश माल गिंद ने…
सरगम के मीठे मीठे सुर घोलो
रिंद पोश माल गिंद ने…
हे आया हूँ मैं प्यार का ये नगमा सुनाने
सारी दुनिया को इक सुर में सजाने
सबके दिलों से नफ़रतों को मिटाने
आओ यारों मेरे संग संग बोलो
रिंद पोश माल गिंद ने…
जीत ले जो सबके दिल को, ऐसा कोई गीत गाओ
दोस्ती का साज़ छेड़ो, दुश्मनी को भूल जाओ
आओ यारों मेरे संग संग बोलो
रिंद पोश माल गिंद ने…
संगीत में है ऐसी फुहार, पतझड़ में भी जो लाए बहार
संगीत को ना रोके दीवार, संगीत जाए सरहद के पार
हो संगीत माने ना धर्म जात, संगीत से जुड़ी क़ायनात
संगीत की ना कोई ज़ुबान, संगीत में है गीता क़ुरान
संगीत में है अल्लाह-ओ-राम, संगीत में है दुनिया तमाम
तूफ़ानों का भी रुख मोड़ता है, संगीत टूटे दिल को जोड़ता है
रिंद पोश माल गिंद ने…
Sabarmati Ke Sant…
दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
आंधी में भी जलती रही गाँधी तेरी मशाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
धरती पे लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई
दागी न कहीं तोप न बंदूक चलाई
दुश्मन के किले पर भी न की तूने चढ़ाई
वाह रे फ़क़ीर खूब करामात दिखाई
चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम
Sandese Aate Hai…
संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है, वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे, लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है
किसी दिलवाली ने, किसी मतवाली ने
हमें खत लिखा है, ये हमसे पूछा है
किसी की साँसों ने, किसी की धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने, किसी के कंगन ने
किसी के कजरे ने, किसी के गजरे ने
महकती सुबहों ने, मचलती शामों ने
अकेली रातों में, अधूरी बातों ने
तरसती बाहों ने और पूछा है तरसी निगाहों ने
के घर कब आओगे, लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये दिल सूना सूना है
संदेसे आते हैं…
मोहब्बतवालों ने, हमारे यारों ने
हमें ये लिखा है, कि हमसे पूछा है
हमारे गाँवों ने, आम की छांवों ने
पुराने पीपल ने, बरसते बादल ने
खेत खलियानों ने, हरे मैदानों ने
बसंती बेलों ने, झूमती बेलों ने
लचकते झूलों ने, दहकते फूलों ने
चटकती कलियों ने, और पूछा है गाँव की गलियों ने
के घर कब आओगे, लिखो कब आओगे
के तुम बिन गाँव सूना सूना है
संदेसे आते हैं…
कभी एक ममता की, प्यार की गंगा की
जो चिट्ठी आती है, साथ वो लाती है
मेरे दिन बचपन के, खेल वो आंगन के
वो साया आंचल का, वो टीका काजल का
वो लोरी रातों में, वो नरमी हाथों में
वो चाहत आँखों में, वो चिंता बातों में
बिगड़ना ऊपर से, मोहब्बत अंदर से, करे वो देवी माँ
यही हर खत में पूछे मेरी माँ
के घर कब आओगे, लिखो कब आओगे
के तुम बिन आँगन सूना सूना है
संदेसे आते हैं…
ऐ गुजरने वाली हवा बता
मेरा इतना काम करेगी क्या
मेरे गाँव जा, मेरे दोस्तों को सलाम दे
मेरे गाँव में है जो वो गली
जहाँ रहती है मेरी दिलरुबा
उसे मेरे प्यार का जाम दे
उसे मेरे प्यार का जाम दे
वहीँ थोड़ी दूर है घर मेरा
मेरे घर में है मेरी बूढ़ी माँ
मेरी माँ के पैरों को छू के तू, उसे उसके बेटे का नाम दे
ऐ गुजरने वाली हवा ज़रा
मेरे दोस्तों, मेरी दिलरुबा, मेरी माँ को मेरा पयाम दे
उन्हें जा के तू ये पयाम दे
मैं वापस आऊंगा, घर अपने गाँव में
उसी की छांव में, कि माँ के आँचल से
गाँव की पीपल से, किसी के काजल से
किया जो वादा था वो निभाऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा…
Sarfaroshoi Ki Slow…
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है जोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
वक़्त आने पे बता देंगे तुझे ऐ आसमां
क्या बताएँ हम जुनूनें शौक किस मंज़िल में है
दूरियाँ उम्मीद की ना आज हमसे छूट जाए
मिलके देखा है जिन्हें वो सपने भी ना रूठ जाए
हौंसले वो हौंसले क्या जो सितम से टूट जाए
सरफरोशी की तमन्ना…
तेरे सोने रूप को हम इक नयी बहार देंगे
अपने ही लहू से तेरा रंग हम निखार देंगे
देश मेरे देश तुझपे ज़िन्दगी भी वार देंगे
सरफरोशी की तमन्ना…
खुशबू बन के महका करेंगे
हम लहलहाती हर फसलों में
साँस बन के हम गुनगुनायेंगे
आने वाली हर नस्लों में
आने वाली, आने वाली, नस्लों में
सरफरोशी की तमन्ना…
Sarfaroshoi Ki Fast…
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
देख सकता है तो तू भी देख ले ऐ आसमां
हौंसला ये देख के कातिल बड़ी मुश्किल में है
अपने ही लहू से हम लिखेंगे अपनी दास्ताँ
ज़ालिमों से छीन लेंगे ये ज़मीं ये आसमां
सरफिरे जवान हम तो मौत से भी ना डरें
आज आये देश में ये क्यूँ गँवारा हम करें
मुल्क पे कुर्बान हो ये आरज़ू मेरे दिल में है
सरफरोशी की तमन्ना…
Shora So Pehchaniye…
शोरा सो पहचानिए
जो लदे तीन के हेत
पुर्जा पुर्जा कट मरे
तबहुँ न छडे खेत
जो दो प्रेम खेलन का चाव
सिर धर तली गली मेरी ाओ
शोरा सो पहचानिए
जो लदे तीन के हेत
पुर्जा पुर्जा कट मरे
तबहुँ न छडे खेत
जो दो प्रेम खेलन का चाव
सिर धर तली गली मेरी ाओ
इंकलाब ज़िंदाबाद
इंकलाब ज़िंदाबाद
इंकलाब ज़िंदाबाद
Soja Chanda Raja Soja…
सो जा चंदा राजा सो जा
चल सपनों में चल
नींद की परियाँ पहन के आई
पैरों में पायल
तुझको अपने नरम परों पर लेकर जाएगी
सोने का एक देस है जिसकी सैर कराएगी
धरती से कुछ दूर कहीं सात समुंदर पार
आकाशों के बीच है सपनों का संसार
वो ज़मीं है प्यार की, वहाँ सिर्फ प्यार है
मेरे चाँद जा वहाँ तेरा इंतज़ार है
सो जा चंदा राजा…
जिन परियों के हुस्न पर जन्नत हो कुरबान
उन परियों के देस में होगा तू मेहमान
है नयी कहानियाँ जो तुझे सुनाएगी
तेरे साथ नाचेंगी, तेरे साथ गाएँगी
सो जा चंदा राजा…
Suno Gaur Se Duniya Walo…
सुनो गौर से दुनिया वालों
बुरी नज़र ना हमपे डालो
[सुनो गौर से दुनिया वालों
बुरी नज़र ना हमपे डालो
चाहे जितना ज़ोर लगालो
सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी
हिंदुस्तानी.. हिंदुस्तानी..] x 2
हमने कहा है तुम भी कहो
हमने कहा है जो तुम भी कहो
[आओ हम मिल-जुल के बोलें अब तो यारा
अपना जहाँ है सबसे प्यारा ] x 2
हमने कहा है जो तुम भी कहो ओ ओ
जलते शरारें हैं पानी के धारे हैं
हम काटे काटते नहीं
जो वाद करते हैं करके निभाते हैं
हम पीछे हटते नहीं
[वक़्त है उम्र है जोश है और जान है
ना झुकें ना मिटें देश तो अपनी शान है] x 2
हमने कहा है जो तुम भी कहो
सुनो गौर से दुनिया वालों
बुरी नज़र ना हमपे डालो
चाहे जितना ज़ोर लगालो
सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी
हिंदुस्तानी.. हिंदुस्तानी..
सबके दिलों को मोहब्बत से बांधे जो
हम ऐसी ज़ंजीर हैं
ऊँची उड़ाने हैं ऊँचे इरादे हैं
हम कल की तस्वीर हैं
जो हमें प्यार दे हम उसे यार प्यार दें
दोस्ती के लिए ज़िन्दगी अपनी वार दें ] x 2
हमने कहा है जो तुम भी कहो
सुनो गौर से दुनिया वालों
बुरी नज़र ना हमपे डालो
चाहे जितना ज़ोर लगालो
सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी
हिंदुस्तानी.. हिंदुस्तानी..
Taqat Watan Ki Hamse Hai…
ताकत वतन की हमसे है
हिम्मत वतन की हमसे है
इज्ज़त वतन की हमसे है
इंसान के हम रखवाले
पहरेदार हिमालय के हम, झोंके हैं तूफ़ान के
सुनकर गरज हमारी सीने फट जाते चट्टान के
ताकत वतन की हमसे है…
सीना है फौलाद का अपना, फूलों जैसा दिल है
तन में विन्ध्याजल का बल है, मन में ताजमहल है
ताक़त वतन की हमसे है…
देकर अपना खून सींचते देश की हम फुलवारी
बंसी से बन्दूक बनाते हम वो प्रेम पुजारी
ताकत वतन की हमसे है…
आकर हमको कसम दे गई, राखी किसी बहन की
देंगे अपना शीश, न देंगे मिट्टी मगर वतन की
ताक़त वतन की हमसे है…
खतरे में हो देश अरे तब लड़ना सिर्फ धरम है
मरना है क्या चीज़ आदमी लेता नया जनम है
ताकत वतन की हमसे है…
एक जान है, एक प्राण है सारा देश हमारा
नदियाँ चल कर थकी रुकी पर कभी न गंगा धरा
ताक़त वतन की हमसे है…
Vande Mataram…
वन्दे मातरम्!
सुजलां सुफलां मलयजशीतलां
शस्यश्यामलां मातरम्!
शुभ-ज्योत्सना-पुलकित-यामिनीम्
फुल्ल-कुसुमित-द्रमुदल शोभिनीम्
सुहासिनी सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्!
सन्तकोटिकंठ-कलकल-निनादकराले
द्विसप्तकोटि भुजैर्धृतखरकरबाले
अबला केनो माँ एतो बले।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदल वारिणीं मातरम्!
तुमि विद्या तुमि धर्म
तुमि हरि तुमि कर्म
त्वम् हि प्राणाः शरीरे।
बाहुते तुमि मा शक्ति
हृदये तुमि मा भक्ति
तोमारइ प्रतिमा गड़ि मंदिरें-मंदिरे।
त्वं हि दूर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमल-दल विहारिणी
वाणी विद्यादायिनी नवामि त्वां
नवामि कमलाम् अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलां मातरम्!
वन्दे मातरम्!
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषिताम
धमरणीं भरणीम् मातरम्।
Vatan Ke Raah Mein…
वतन की राह में वतन के नौजवां शहीद हो
पुकारते हैं ये ज़मीन-ओ-आसमां शहीद हो
शहीद तेरी मौत ही तेरे वतन की ज़िंदगी
तेरे लहू से जाग उठेगी इस चमन में ज़िंदगी
खिलेंगे फूल उस जगह कि तू जहाँ शहीद हो, वतन की …
गुलाम उठ वतन के दुश्मनों से इंतक़ाम ले
इन अपने दोनों बाजुओं से खंजरों का काम ले
चमन के वास्ते चमन के बाग़बां शहीद हो, वतन की …
पहाड़ तक भी कांपने लगे तेरे जुनून से
तू आसमां पे इन्क़लाब लिख दे अपने खून से
ज़मीं नहीं तेरा वतन है आसमां शहीद हो, वतन की …
वतन की लाज जिसको थी अजीज़ अपनी जान से
वो नौजवान जा रहा है आज कितनी शान से
इस एक जवान की खाक पर हर इक जवां शहीद हो
वतन की …
है कौन खुशनसीब माँ कि जिसका ये चिराग़ है
वो खुशनसीब है कहाँ ये जिसके सर का ताज है
अमर वो देश क्यूँ न हो कि तू जहाँ शहीद हो, वतन की …
Yeh Desh Hai Veer…
ये देश है वीर जवानों का
अलबेलों का मस्तानों का
इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है दुनिया का गहना
यहाँ चौड़ी छाती वीरों की
यहाँ भोली शक्लें हीरों की
यहाँ गाते हैं राँझे मस्ती में
मस्ती में झूमें बस्ती में
पेड़ों में बहारें झूलों की
राहों में कतारें फूलों की
यहाँ हँसता है सावन बालों में
खिलती हैं कलियाँ गालों में
कहीं दंगल शोख जवानों के
कहीं करतब तीर कमानों के
यहाँ नित-नित मेले सजते हैं
नित ढोल और ताशे बजते हैं
दिलबर के लिये दिलदार हैं हम
दुश्मन के लिये तलवार हैं हम
मैदाँ में अगर हम डट जाएँ
मुश्किल है के पीछे हट जाएँ
Yeh Kal Kal Chal Chal…
यह कल कल छल छल बहती क्या कहती गंगा धारा ?
युग युग से बहता आता यह पुण्य प्रवाह हमारा ।धृ|
हम ईसके लघुतम जलकण बनते मिटते हेै क्षण क्षण
अपना अस्तित्व मिटाकर तन मन धन करते अर्पण
बढते जाने का शुभ प्रण प्राणों से हमको प्यारा ।१|
ईस धारा में घुल मिलकर वीरों की राख बही है
ईस धारामें कितने ही ऋषियों ने शरण ग्रही है
ईस धाराकी गोदि में, खेला ईतिहास हमारा ।२|
यह अविरल तप का फल है यह राष्ट्रप्रवाह प्रबल है
शुभ संस्कृति का परिचायक भारत मां का आंचल है
हिंदुकी चिरजीवन मर्यादा धर्म सहारा ।३|
क्या ईसको रोख सकेंगे मिटनेवाले मिट जायें
कंकड पत्थर की हस्ती कया बाथा बनकर आये
ढह जायेंगे गिरि पर्वत कांपे भूमंडल सारा ।४|
Yeh Jo Des Hai…
ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा
तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता
ये जो देस है तेरा…
मिट्टी की है जो ख़ुश्बू, तू कैसे भुलायेगा
तू चाहे कहीं जाये, तू लौट के आयेगा
नई-नई राहों में, दबी-दबी आहों में
खोये-खोये दिल से तेरे कोई ये कहेगा
ये जो देस है तेरा…
तुझसे ज़िंदगी, है ये कह रही
सब तो पा लिया, अब है क्या कमी
यूँ तो सारे सुख हैं बरसे
पर दूर तू है अपने घर से
आ लौट चल तू अब दिवाने
जहाँ कोई तो तुझे अपना माने
आवाज़ दे तुझे बुलाने
वही देस
ये जो देस है तेरा…
ये पल हैं वही, जिसमें हैं छुपी
पूरी इक सदी, सारी ज़िंदगी
तू न पूछ रास्ते में का है
आये हैं इस तरह दो राह है
तू ही तो है राह जो सुझाये
तू ही तो है अब जो ये बताये
जाएँ तो किस दिशा में जाये
वही देस
ये जो देस है तेरा…
Ye Dunia Ek Dulhan…
लंदन देखा
पैरिस देखा
और देखा जापान
माईकल देखा, एल्विस देखा
सब देखा मेरी जान
सारे जग में कहीं नहीं है
दूसरा हिंदुस्तान
दूसरा हिंदुस्तान
ये दुनिया एक दुल्हन
दुल्हन के माथे की बिंदिया
ये मेरा इंडिया
आई लव माई इंडिया
ये दुनिया एक दुल्हन…
जब छेड़ा मल्हार किसी ने
झूमके सावन आया
आग लगा दी पानी में जब
दीपक राग सुनाया
सात सुरों का संगम ये जीवन गीतों की माला
हम अपने भगवान को भी कहते हैं बाँसुरी वाला
ये मेरा इंडिया…
पीहू-पीहू बोले पपीहा, कोयल कूहू-कूहू गाये
हँसते, रोते, हमने जीवन के सब गीत बनाए
ये सारी दुनिया अपने-अपने गीतों को गाये
गीत वो गाओ जिससे इस मिट्टी की खुश्बू आये
आई लव माई इंडिया…
वतन मेरा इंडिया
सजन मेरा इंडिया
करम मेरा इंडिया
धरम मेरा इंडिया
very nice desh bhakti song
Thank you so much!